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Well, Water

भाषा की लिपि

'Bhasha Ki Lipi', a poem by Rashmi Saxena तुम्हें अभी और खोदने होंगे आत्मा के गहरे कुँए हृदय तल से अभी और हटानी होंगी गर्वित कठोर परतें तब कहीं जाकर ढूँढ...
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