Tag: Together

Naveen Sagar

वह मेरे बिना साथ है

वह उदासी में अपनी उदासी छिपाए है फ़ासला सर झुकाए मेरे और उसके बीच चल रहा है उसका चेहरा ऐंठी हुई हँसी के जड़वत् आकार में दरका है उसकी आँखें बाहर...
Ashok Vajpeyi

अलग-साथ समय

उसका समय मेरे समय से अलग है— जैसे उसका बचपन, उसकी गुड़ियाँ-चिड़ियाँ यौवन आने की उसकी पहली सलज्ज पहचान अलग है। उसकी आयु उसके एकान्त में उसका प्रस्फुटन, उसकी इच्छाओं...
Ajit Kumar

अकेले कण्ठ की पुकार

गीत जो मैंने रचे हैं वे सुनाने को बचे हैं। क्योंकि— नूतन ज़िन्दगी लाने, नयी दुनिया बसाने के लिए मेरा अकेला कण्ठ-स्वर काफ़ी नहीं है —इस तरह का भाव मुझको...
Gyanendrapati

आओ, चलें हम

आओ, चलें हम साथ दो क़दम हमक़दम हों दो ही क़दम चाहे दुनिया की क़दमताल से छिटक हाथ कहाँ लगते हैं मित्रों के हाथ घड़ी-दो घड़ी को घड़ीदार हाथ—जिनकी कलाई की...
Moon, Moonlight

चाँदनी रात में नौका विहार

चाँदनी बिखेरती रात जगमगा रही और हमें संग लिए नाव चली जा रही आसमान के तले, याद के दिए जले छपक छपक धार पर नाव शान से...
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