Tag: Traveller

Gaurav Bharti

कविताएँ: नवम्बर 2021

यात्री भ्रम कितना ख़ूबसूरत हो सकता है? इसका एक ही जवाब है मेरे पास कि तुम्हारे होने के भ्रम ने मुझे ज़िन्दा रखा तुम्हारे होने के भ्रम में मैंने शहर...
Adarsh Bhushan

यायावर

जो अप्राप्य है मुझे उसकी तलाश में भटकूँगा ध्रुव की तरह स्थापित हो जाऊँगा किसी दिशा में या नचिकेता की तरह यात्रा से उत्तरोत्तर लौटूँगा स्मृतियों की सतहें बनाऊँगा एक...
Rahul Sankrityayan

निरुद्देश्‍य

'घुमक्कड़-शास्त्र' से निरुद्देश्‍य का अर्थ है उद्देश्‍यरहित, अर्थात् बिना प्रयोजन का। प्रयोजन बिना तो कोई मंदबुद्धि भी काम नहीं करता। इसलिए कोई समझदार घुमक्कड़ यदि...
Girl, Travel

कहाँ अगला ठौर, राही?

मुँह अँधेरे चल पड़े हो कहाँ अगला ठौर, राही? कहाँ अगला मील का पत्थऱ जो कह दे श्वास भर लो कहाँ अगली मोड़ जिससे  पाँव पगडंडी पकड़ लें और कितनी...
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