Tag: Udaan
पैने चाक़ू
मैं
पंख फैलाए
बांधे पंखों में हवा
उन्मत्त मदमस्त उन्मुक्त
गगन में उड़ती थी...
रास नहीं आया उन्हें मेरा उड़ना
वे
पंजे पजाकर
चोंत तेज़ कर
धारदार पैनी नज़रों से
मेरे
पंख काटने को उद्यत
बढ़े आ...