Tag: Urdu Nazm
देवदास
ज़िंदगी इश्क़ की वहशत-भरा अफ़्साना थी
मेरे हाथों में वो इक ज़हर का पैमाना थी
रूह का ग़म मा-ए-गुलफ़ाम से कम क्या होता
कोई तिरयाक ब-जुज़ वस्ल-ए-सनम...
नया शिवाला
सच कह दूँ ऐ बरहमन गर तू बुरा न माने
तेरे सनम-कदों के बुत हो गए पुराने
अपनों से बैर रखना तू ने बुतों से सीखा
जंग-ओ-जदल...
बे परों की तितली
ये झाड़न की मिट्टी से
मैं गिर रही हूँ
ये पंखे की घूं-घूं में
मैं घूमती हूँ
ये सालन की ख़ुशबू पे
मैं झूमती हूँ
मैं बेलन से चकले पे
बेली...
गुफ़्तगू नज़्म नहीं होती है
गुफ़्तगू के हाथ नहीं होते
मगर टटोलती रहती है दर ओ दीवार
फाड़ देती है छत
शक़ कर देती है सूरज का सीना
उंडेल देती है हिद्दत-अंगेज़ लावा
ख़ाकिसतर...
चार दीवारी में चुनी हुई औरत
बंद के उस तरफ़ ख़ुद उगी झाड़ियों में लगी रस भरी बेरियाँ ख़ूब तैयार हैं
पर मेरे वास्ते उनको दामन में भर लेना मुमकिन नहीं
ऐ...
मीर जी घर से जब भी निकलो
मीर जी घर से जब भी निकलो
क़श्क़ा खींचो
दैर में बैठो
या अब तर्क इस्लाम करो
नाम तो है पहचान तुम्हारी
किस किस को समझाओगे
अब तस्बीह के बिखरे...
मैंने जो गीत तेरे प्यार की ख़ातिर लिक्खे
'Maine Jo Geet Tere Pyar Ki Khatir'
a nazm by Sahir Ludhianvi
मैंने जो गीत तेरे प्यार की ख़ातिर लिक्खे
आज उन गीतों को बाज़ार में ले...
तुम्हारे बस में ये कब है
तुम
हमारी लिखने वाली उँगलियों की
शमएँ गुल कर दो
हमारे लफ़्ज़
दीवारों में चुनवा दो
हमारे नाम के उपले बनाओ
अपनी दीवारों पे थोपो
अपने चूल्हों में जला दो
सब तुम्हारे...
मेरी हस्ती मेरा नील कमल
मेरे ख़्वाब जज़ीरे के अंदर
इक झील थी निथरे पानी की
इस झील किनारे पर सुन्दर
इक नील कमल जो खिलता था
इस नील कमल के पहलू में
इक...
लड़की (क़ंदील बलोच के नाम)
पतले नंगे तार से लटकी
जलती, बुझती, बटती
वो लड़की
जो तुम्हारी धमकी से नहीं डरती
वो लड़की
जिसकी मांग टेढ़ी है
अंधी तन्क़ीद की कंघी
से नहीं सुलझती
वो लड़की
जिसकी हर...
क्या करूँ
क्या करूँ मैं
आसमां को अपनी मुट्ठी में पकड़ लूँ
या समुन्दर पर चलूँ
पेड़ के पत्ते गिनूँ
या टहनियों में जज़्ब होते
ओस के क़तरे चुनूँ
डूबते सूरज को
उंगली...
ओ देस से आने वाले बता
ओ देस से आने वाले बता
किस हाल में हैं यारान-ए-वतन
आवारा-ए-ग़ुर्बत को भी सुना
किस रंग में है कनआन-ए-वतन
वो बाग़-ए-वतन फ़िरदौस-ए-वतन
वो सर्व-ए-वतन रैहान-ए-वतन
ओ देस से आने...