Tag: Urdu Poetry

ik baar kaho tum meri ho - atif khan

इक बार कहो तुम मेरी हो

प्रख्यात व्यंग्यकार और शायर इब्ने इंशा की कविता 'इक बार कहो तुम मेरी हो' एक ऐसा काव्य झरना है जिसमें भीगने के बाद उसकी...

आख़री सच

वही है ज़िन्दा गरजते बादल सुलगते सूरज छलकती नदियों के साथ है जो ख़ुद अपने पैरों की धूप है जो ख़ुद अपनी पलकों की रात है जो बुज़ुर्ग सच्चाइयों की...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)