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रेनर मारिया रिल्के की तीन कविताएँ
मूल कविताएँ: रेनर मारिया रिल्के
अनुवाद: उसामा हमीद
दुखड़ा
Lament
सब कुछ दूर है
और बहुत पहले ख़त्म हो चुका है।
मुझे लगता है
मेरे ऊपर चमकता हुआ तारा
करोड़ों बरस पहले...
ताबूत (II)
मैं उस दुकान की तलाश में हूँ
जहाँ ताबूत बनते हैं
मुझे उस माहिर कारीगर से मिलना है
जो सबसे अच्छे ताबूत बनाने के लिए मशहूर है,
मुझे...
तन्हाई की पहली बारिश
रात भर बरसता रहा पानी
मैं अँधेरा किए
अपनी कुर्सी में
खिड़की से ज़रा दूर हटकर
बैठा रहा
बारिश कभी कम, कभी तेज़
बरसती रही, पेड़ों की चीख़
कभी दूर, कभी...
ताबूत
कहते हैं 'ताबूत जितना छोटा हो
उतना भारी होता है'
पुश्तैनी घरों से
निकलता हुआ अकेला ताबूत
दुखदायी होता है।
क़तार दर क़तार निकलने वाला
ताबूतों का जुलूस
बनता है ब्रेकिंग...
मौत के फ़रिश्ते हड़ताल पर हैं
काम भारी है और पगार में कोई इज़ाफा
सदियों से हुआ नहीं।
नाईट ड्यूटी का अलग मुआवज़ा
पहली डिमांड है।
सुपरवाइज़र, परेशान, दुआ गो है
'मालिक फ़रिश्तों की नई...
द मैन एंड द ट्री
"तुम्हें याद है?
जब तुम आँगन में आए थे
कितने छोटे थे,
मैं तुम पर साया कर लेता था"
"और तुम भी तो
पानी की बौछारों से
मुझ को नहला देते...
दो नज्में
Poems: Usama Hameed
1
जब जब धूप
पकती है,
पीली पड़ती है
शाम, मायूस
मुँह बिसोरे
चली आती है-
एक उम्र गुज़र जाती है!
2
तुम्हारे जाते ही
मुहब्बत ज़दा सारे ख्वाब
खुदकुश हमलावर की तरह
भक्क...
तोहफ़ा
मैंने उन्हें कई तोहफे दिए। हमारे साथ के चार सालों में ऐसे बहुत मौक़े आते कि मुझे उन्हें तोहफे देने की ज़िद पकड़नी पड़ती लेकिन ऐसा...
अशरफुल मख़्लूक़ात
नाले के आगे सुनसान रस्ते से गुज़रते हुए कल रात मुझे कुछ अजीब सा दिखाई दिया। हालाँकि सर्दी बहुत थी फिर भी मैंने रुक...
निशां नहीं मिटते
दुनिया की सारी पाक किताबें
कहती हैं
कोई वस्तु बेकार नहीं
कोई हलचल, कोई बात
कोई दिन, कोई रात
कोई कण, कोई क्षण
बेमतलब नहीं
दुनिया की सारी पाक किताबें
कहती हैं
खून...
रेड्यूस्ड टू अ चांस
गंगा घाट पर
खेलते खेलते
जब हम डूबने से बच गए थे
तुम्हें याद है
हम कितना हँसे थे
वहीं रेत पर लेट कर
बहुत देर तक हँसते रहे थे
और उन अंकल...
बाल्टी में चाँद
आदमी नींद में था, बच्चा खेल रहा था, आसमान खुला था, चाँदनी भरपूर थी।
'अब्बा, अम्मी कहाँ हैं?', बच्चे ने खेलते-खेलते पूछा जैसे ये भी...