Tag: Vishnu Saini

स्नेह आलिंगन

हो व्यथित तनिक घबराए मन तब कर लेना स्नेह आलिंगन.. अनवरत नयन से नीर बहे हृदय व्याकुल हो अधीर रहे जब बढ़ने लगे रक्त स्पन्दन तब कर लेना स्नेह...

तुम बिन

अंतहीन सफर तुम बिन सुरविहीन हर गीत तुम बिन अधरविहीन अब शब्द रह गए भावहीन हर जीत तुम बिन निर्विकार हर स्वप्न है मेरा लाचार अब सांझ सवेरा कर्महीन समय का हर पल रक्तहीन हर नस तुम बिन व्यथाहीन अब दर्द...

गुब्बारे वाला

ट्रेफिक लाइट पर कार रोकी तो, मटमैले कपड़े पहने बुढ़ापे की दहलीज पर खड़ा, गुब्बारे बेचने वाला शीशे पर हाथ मारकार इशारा करने लगा। मैंने शीशा...
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