Tag: Vishwambharnath Sharma Kaushik

faansi vishwambharnath sharma kaushik

फाँसी

"न्यायी को ऐसा कार्य करने का क्या अधिकार है, जिसमें यदि भूल हो तो उसका सुधार भी उसके वश में न रहे।" फांसी को ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट्स के चोचले की दुर्भाग्यपूर्ण संज्ञा मिलने से पहले भी जाने कितने साहित्यकार इसके विरोध में लिख चुके हैं। उन्हीं में से एक है विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक की यह कहानी 'फांसी'। पढ़िए। :)
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