Tag: War and Poetry
अभिलाषा, पहचान, युद्ध
Poems: Harshita Panchariya
अभिलाषा
माँगो तो मनोकामनाओं
के अंतिम अध्याय में
अपूर्ण रहने का वर माँग लेना
क्योंकि
अनेक सम्भावनाओं
का ठौर इतना सहज कहाँ?
पहचान
पहचानी जाऊँगी तो
संसार की उस मूर्ख स्त्री...