Tag: Women Empowerment
बातचीत: ‘मिसॉजिनि क्या है?’
पढ़िए तसनीफ़ और शिवा की मिसॉजिनि (Misogyny (शाब्दिक अर्थ: स्त्री द्वेष)) पर एक विस्तृत बातचीत। तसनीफ़ उर्दू शायरी करते रहे हैं, उन्होंने एक नॉविल...
मैं मार दी जाऊँगी
मेरी आग बरसाती आँखें
कसती भिंचभिंचाती मुठ्ठियाँ
कँपकँपाते-फरफराते होंठ
थरथराता-क्रोधित शरीर
जवाब दे बैठता है,
जब खण्डहरों में चीख़ते हैं
मासूम आहत परिन्दे
सियासियों, सत्ताधारियों की
इमारतों में क़ैद
बिलखती-तड़पती हैं
भुखमरी, बेचारगी, लाचारी...
सन्नाटा
"पत्नी की गौरव-गाथा निस्पृह भाव से सुनने की सामर्थ्य उनमें कहाँ है। तभी न बुखार हो आया है।"
सुभागी
"बाबूजी का काम तो धूम-धाम से ही होगा अम्माँ, चाहे घर रहे या जाय। बाबूजी फिर थोड़े ही आवेंगे। मैं भैया को दिखा देना चाहती हूँ कि अबला क्या कर सकती है। वह समझते होंगे इन दोनों के किये कुछ न होगा। उनका यह घमंड तोड़ दूँगी।"
सुनो लड़की
सुनो लड़की!
शक्लें छिपाए और
आँखें गड़ाए हुए
गिद्ध जैसे निशाना साधे
बैठे हैं कई लोग यहाँ।
तुम छुपना मत
आँखें नीची मत करना,
दुपट्टा कहीं खिसका तो नहीं,
इसकी भी परवाह...
अँधेरे से उजाले की ओर
मुँह अँधेरे उठकर
घर के काम निपटा कर
विद्यालय जाती बच्चियाँ
विद्यालय जिसके दरवाज़े पर लिखा है
'अँधेरे से उजाले की ओर'
घर से पिट कर आई शिक्षिका
सूजे हुए...
स्त्री
अपने ही मर्द द्वारा
बनाया गया पत्थर उसे
अपने ही मर्द ने
छोड़ दिया
जानवरों के बीच वन में
किया गया उसे
अपने ही मर्द के सम्मुख नग्न
देखा गया अपने...
चम्पा काले-काले अक्षर नहीं चीन्हती
चम्पा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती
मैं जब पढ़ने लगता हूँ, वह आ जाती है
खड़ी-खड़ी चुपचाप सुना करती है
उसे बड़ा अचरज होता है:
इन काले चिन्हों से...
स्त्री: दान ही नहीं, आदान भी
"जब तक स्त्री के सामने ऐसी समस्या नहीं आती, जिसमें उसे बिना कोई विशेष मार्ग स्वीकार किए जीवन असंभव दिखाई देने लगता है, तब तक वह अपनी मनुष्यता को जीवन की सबसे बहुमूल्य वस्तु के समान ही सुरक्षित रखती है। यही कारण है कि वह क्रूर-से-क्रूर, पतित-से-पतित पुरुष की मलिन छाया में भी अपने जीवन का गौरव पालती रहती है।"