Tag: Women’s Day

Adarsh Bhushan

स्त्रीत्व का अनुपात

मेरे शब्द हमेशा अधूरे रहे कविताओं के मध्य; सिर्फ़ उन भावों में जहाँ पौरुष; स्त्रीत्व के समानुपात में रहना था लेकिन शब्दों के अनुतान में; बड़े बेढब तरीक़े से व्युत्क्रम में...
Woman

स्त्री

समय समय पर आती स्त्रियाँ मुझे हरदम कविताएँ लगीं कुछ मेरी कविता के अंश बनीं तो कुछ कविता बन के उभरीं मोहित करती रहीं मुझे उनके अंदर की कविताएँ कुछ ग़ज़लों सी...
Woman reading newspaper

पढ़ी लिखी लड़कियाँ

लड़कियाँ पढ़-लिख गई तमाम सरकारी योजनाओं ने सफलता पाई गैरसरकारी संस्थाओं के आँकड़े चमके पिताओं ने पुण्य कमाया और भाईयों ने बराबरी का दर्जा देने की सन्तुष्टि हासिल की पढ़ी...
Woman, Girl, Eyes

अस्मिता

तुम्हारी जीत भरी मुस्कराहट को देख कर हमेशा ऐसा लगता है जैसे कितनी मुश्किलें अपनी सैंडल से मसल कर कभी धीरे तो कभी तेज़ चलकर कितनी गिरहें तोड़ती आयी...
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