Tag: Yogesh Dhyani

Hands, Love, Couple

प्रेम मेरे लिए

मैं नहीं मानता उसे प्रेम जिसमें एक व्यक्ति को नसीब हो रसातल दूसरे को मिले उन्मुक्त आकाश, इसे नहीं कहा जा सकता इंसाफ़। 'दोनों में बराबर बँटें दुःख' यह...
Yogesh Dhyani

कविताएँ: दिसम्बर 2020

स्वाद शहर की इन अंधेरी झोपड़ियों में पसरा हुआ है मनो उदासियों का फीकापन दूसरी तरफ़ रंगीन रोशनियों से सराबोर महलनुमा घरों में उबकाइयाँ हैं ख़ुशियों के अतिरिक्त मीठेपन से धरती घूमती तो है मथनी की तरह...
God, Abstract Human

नदी सरीखे कोमल ईश्वर की रक्षा हेतु

हम जिस भी सर्वोच्च सत्ता के उपासक हैं इत्तेला कर दें उसे शीघ्रातिशीघ्र कि हमारी प्रार्थना और हमारे ईश्वर के मध्य घुसपैठ कर गए हैं धर्म के बिचौलिए बेमतलब...
Yogesh Dhyani

उलट-फेर

सबसे ज़्यादा असुरक्षित हैं वो जो रहते हैं सबसे छोटी झोंपड़ी में सबसे दुर्दान्त अपराधियों के पास हैं सबसे महँगे वकील सबसे कपटी नेता का चरित्र सबसे साफ़ है मीडिया में सबसे ज़्यादा...
Kids

बड़े और बच्चे

1 बच्चे खेलते हैं खेल-खेल में लड़ते हैं मारते भी हैं एक-दूसरे को लेकिन मार नहीं डालते बड़ों की तरह। 2 छोटे बच्चे एक साथ खेलते हैं क्योंकि उन्हें पता नहीं होते लिंग के भेद बड़ों...
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