जेफ़री मैकडैनियल (Jeffrey McDaniel) के पाँच कविता संग्रह आ चुके हैं, जिनमें से सबसे ताज़ा है ‘चैपल ऑफ़ इनडवर्टेंट जॉय’ (यूनिवर्सिटी ऑफ़ पिट्सबर्ग प्रेस, 2013)। अन्य पुस्तकों में ‘द एंडारकेनमेंट’ (पिट्सबर्ग, 2008), ‘द स्प्लिंटर फ़ैक्ट्री’ (मैनिक डी, 2002), ‘द फ़ॉरगिवनेस परेड’ (मैनिक डी प्रेस, 1998), और ‘एलाबाई स्कूल’ (मैनिक डी, 1995) शामिल हैं। उनकी कविताएँ कई पत्रिकाओं और संकलनों में छप चुकी हैं, जिनमें बेस्ट अमेरिकन पोएट्री (1994 और 2010) शामिल हैं। एनईए फ़ैलोशिप के प्राप्तकर्ता जेफ़री सारा लॉरेंस कॉलेज में पढ़ाते हैं और हडसन वैली में रहते हैं। (परिचय साभार: पोएट्री फ़ाउंडेशन)
यहाँ प्रस्तुत कविता पोएट्री फ़ाउंडेशन पर उपलब्ध उनकी कविता ‘The Quiet World’ का हिन्दी अनुवाद है, अनुवाद देवेश पथ सारिया ने किया है।
चुपचाप संसार
‘The Quiet World’ from The Forgiveness Parade
इस कोशिश में कि लोग और ज़्यादा झाॅंकें
एक-दूसरे की आँखों में,
और चुप्पों को संतुष्ट करने के लिए,
सरकार ने तय किया है
कि हर आदमी को आवंटित होंगे बोलने के लिए
दिन में मात्र एक सौ सड़सठ शब्द।
फ़ोन बजने पर
मैं बिना हेलो कहे, उसे अपने कान पर लगाता हूॅं।
रेस्त्राँ में, चिकन नूडल सूप की ओर इशारा करता हूॅं।
मैं इन नये तरीक़ों की आदत डाल रहा हूँ।
देर रात मैं फ़ोन मिलाता हूॅं अपनी दूरस्थ प्रेयसी को,
गर्व से कहता हूॅं—
मैंने आज सिर्फ़ उनसठ ख़र्चे
और बाक़ी बचा लिए तुम्हारे लिए
जब वह जवाब नहीं देती,
मैं जान जाता हूॅं
कि वह अपने सभी शब्द इस्तेमाल कर चुकी है
इसलिए मैं धीरे-धीरे बुदबुदाता हूॅं आई लव यू
बत्तीस और एक तिहाई बार।
फिर हम चुपचाप लाइन पर बने रहते हैं
और एक-दूसरे की साँसों को सुनते हैं।
जॉन गुज़लॉवस्की की कविता ‘मेरे लोग’