‘Tootata Aadmi’, a poem by Pallavi Mukherjee

वह एक
बेरंग दुनिया में
रहता है
और
लिखता है प्रेम
जबकि
उसका चेहरा
खरोंचों से भरा है
जैसे
किसी
गिद्ध के
तेज़ नाख़ूनों ने
उसे
खरोंच दिया हो
उसका चेहरा
पत्थर की तरह
सख़्त है
नर्म मिट्टी से
वह बना ही नहीं
वह
ढूँढ रहा है प्रेम
और उतार रहा है
डायरी के पन्नों पर

और डायरी
भीग रही है
ख़ून से…

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