अंतहीन
सफर तुम बिन
सुरविहीन
हर गीत तुम बिन
अधरविहीन
अब शब्द रह गए
भावहीन
हर जीत तुम बिन
निर्विकार
हर स्वप्न है मेरा
लाचार
अब सांझ सवेरा
कर्महीन
समय का हर पल
रक्तहीन
हर नस तुम बिन
व्यथाहीन
अब दर्द रह गया
दिशाहीन
रह गए कदम हैं
अविराम
शून्य को तकती
जलविहीन
अब आँखें तुम बिन…