जब कभी अकेलापन महसूस करता हूँ
भीड़ में भी तन्हाई महसूस करता हूँ
शाम की गोधूलि में डूबते सूरज को देखकर तुम्हारी याद आ जाती है
जब कभी ठंढी हवाएँ चलती है
आकाश में कालें बादल घिरते हैं
दूर किसी पेड़ पर अकेले बैठे पंछी को देखकर तुम्हारी याद आ जाती है
तुम्हारी यादें हमेशा मेरे साथ रहती हैं
तुम्हारी वजूद का अहसास कराती हैं
प्रेम क्रीड़ा में लिप्त पंछी जोड़ो को जब देखता हूँ, तब तुम्हारी याद आ जाती है