‘Ulti Ramayan’, a poem by Bhupendra Singh Khidia

राम नाम का मतलब क्या,
जब पुण्य भरी ही त्वचा नहीं?
जब वर्तमान में
सत्व राम का
कण भर भी कहीं बचा नहीं।
जहाँ राम रूप में बैठे दशानन
पग-पग पूजे जाते हैं,
जहाँ लेकर हरि का नाम युद्ध में
नकली बन्दर जाते हैं।
जहाँ व्यक्ति
बजरंगी से बढ़कर
भक्त बना मण्डराता हो,
जो राम बने बैठे रावण को
ही फिर धोक लगाता हो।
जहाँ झूठ रोजाना टी.वी. पर
सच्चाई को झुठलाता है,
और लंका कहकर आग राम की
कुटिया में लगवाता है।
जिस नाटक की पटकथा
है बिल्कुल विपरीत असलीयत से,
जिसके सारे संवाद लिखे सत्ता ने
अपनी नीयत से,
जहाँ होगा बिल्कुल वैसा ही
जैसा इक रावण चाहेगा,
उस नाटक का मंचन होगा तो
केवल भ्रम ही आएगा
कोरा भ्रम ही आएगा।

भूपेन्द्र सिँह खिड़िया
Spoken word artist, Script writer & Lyricist known for Naari Aao Bolo, Makkhi jaisa Aadmi, waqt badalta hai. Instagram - @bhupendrasinghkhida Facebook - Bhupendra singh Khidia Fb page :- @bhupendrasinghkhidia