ख़याल उसका ही जहन में आना लाज़मी था
ज़िक्र दिखावे की महोब्बत का जो हो रहा था,

ज़िक्र उसका ही तन्हाई में होना लाज़मी था
ख़याल मेरी महोब्बत का जो हो रहा था!!

सीताराम शर्मा
संवेदनशील लोग पसंद हैं इसलिए अधिकतर ख़ुद से ही बनती है! पेशे से व्यवसायी शौक़ से शायर, व्यंग्यकार,K क्रिकेटर!