साइंसदान कहते हैं कि
कि ढुलकते नहीं आँसू
‘वैक्यूम’ में
उसकी अनुपस्थिति से उभरे
वैक्यूम में
ढुलकते हैं आँसू उसके
रुकते नहीं…
साइंसदान भी कभी-कभी
कुछ भी कहते हैं..
साइंसदान कहते हैं कि
कि ढुलकते नहीं आँसू
‘वैक्यूम’ में
उसकी अनुपस्थिति से उभरे
वैक्यूम में
ढुलकते हैं आँसू उसके
रुकते नहीं…
साइंसदान भी कभी-कभी
कुछ भी कहते हैं..