गहन विचारों के मध्य भी
सतर्क होकर
गहनता से
विचार होना चाहिए
विचारों की दशा-दिशा पर
भटकाव संभव है
सीधे पथ पर भी
यदि उसका पथिक
तन नहीं है, मन है..
गहन विचारों के मध्य भी
सतर्क होकर
गहनता से
विचार होना चाहिए
विचारों की दशा-दिशा पर
भटकाव संभव है
सीधे पथ पर भी
यदि उसका पथिक
तन नहीं है, मन है..