बन्द गिरजों, वीरान मस्जिदों
और सुनसान शिवालों के बीच
उनकी बहस का विषय है धर्म।
बीमारी और बेबसी के दौर में
मुँह से दूर होते निवालों के बीच
उनकी बहस का विषय है धर्म।
बचाव, इलाज, सुझाव, समाज
न जाने कितने बवालों के बीच
उनकी बहस का विषय है धर्म ।
कल के बाद के कल में क्या होगा
ऐसे कईं सवालों के बीच
उनकी बहस का विषय है धर्म।
आँखों में पसरी उदासी,
ज़ेहन में बेजा ख़यालों के बीच
उनकी बहस का विषय है धर्म।
ग़रीबी रेखा के नीचे वालों से दूर
ऊपर कहीं टकराते प्यालों के बीच
उनकी बहस का विषय है धर्म।