व्लादिमीर नबोकॉफ़ के उद्धरण | Vladimir Nabokov Quotes in Hindi

अनुवाद: पुनीत कुसुम

 

“हमारी कल्पना उड़ान भरती है… और हम धरती पर उसकी छाया हैं।”

 

“साहित्य और तितलियाँ मनुष्य को ज्ञात दो सबसे प्यारे शौक़ हैं।”

 

“मानव जीवन कुछ और नहीं, एक विशाल अस्पष्ट अधूरे मास्टरपीस में अंकित फुटनोट्स की एक शृंखला है।”

 

“हम केवल विचारों की दुनिया में ही नहीं जीते, बल्कि एक जीती-जागती दुनिया में भी जीते हैं। अनुभव के बिना शब्द अर्थहीन हैं।”

 

“आप एक क़ातिल पर हमेशा भरोसा कर सकते हैं, एक मनोहर गद्य शैली के लिए।”

 

“एक लहर के विघटन से सम्पूर्ण समुद्र वर्णित नहीं हो जाता।”

 

“जिज्ञासा, विद्रोह का विशुद्ध रूप है।”

 

“एक लेखक के पास एक कवि की सूक्ष्मता और एक वैज्ञानिक की कल्पना होनी चाहिए।”

 

“हम शब्दों में नहीं, शब्दों की परछाइयों में सोचते हैं।”

 

“व्यभिचार परम्परागत से ऊपर उठने का सबसे पारम्परिक तरीक़ा है।”

 

“बारिश से नाराज़ मत होना। उसे ऊपर की ओर बरसना आता ही नहीं!”

 

“जीवन एक बड़ा आश्चर्य है। और मृत्यु उससे भी बड़ा आश्चर्य न हो, इसका मुझे कोई कारण दिखायी नहीं देता।”

 

“बीते हुए समय को कुछ भी इतना बख़ूबी पुनर्जीवित नहीं करता, जितना कि एक सुगन्ध जो कभी उस समय से सम्बद्ध थी।”

 

“जीवन दो चिरकालिक अन्धकारों के मध्य प्रकाश का छोटा-सा अंश-भर है।”

 

“टुटपुँजिया अश्लीलता से अधिक प्राणपोषक कुछ नहीं है।”

 

“मैं किसी भाषा में नहीं सोचता। मैं छवियों में सोचता हूँ।”

 

“अकेलेपन का एक परिस्थिति के रूप में इलाज किया जा सकता है, लेकिन एक मानसिक स्थिति के रूप में यह एक लाइलाज बीमारी है।”

व्लादिमीर नाबोकोव
व्लादिमीर नाबोकोव रूसी मूल के अंग्रेजी साहित्यकार थे, विवादास्पद उपन्यास 'लोलिता' के लेखक थे।