Karan Kovind

Karan Kovind
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उन दिनों जब मैं १२साल का था तो मैं स्कूल की हिंदी किताबों में प्रकाशित कविताओं को पढ़ता था उन कविताओं में इतनी शक्ति थी उनसे मुझे मेरे अस्तित्व के बारे में पता चला ये कविताये केवल कविताये नहीं है यह उन कवियों की विचारों का एक समूह है। जिनके शब्दों का गठन इतना सहज और रोचक है। जिससे हम उनके जीवन के हर कड़ियों को आसानी से समझ पाते है। मेरे अंदर एक रूचि सी उत्पन्न हुयी जिससे मैं जितना हो सका उतना कविताओं को को पढ़ता था इस वक्त आपको पता ही होगा की मोबाइल पर आनलाइन कविता कोश योजनाओं का प्रचलन है । मुझसे जितना हो सका मैंने साहित्य पढ़ा मेरे अंदर भी कविता लिखने का एक रूचि हुती और मैं इतने शब्द तो जान ही चुका था कि मैं एक अच्छी खासी टूटी फूटी कविताएं लिख सकता मैं लिखता गया लेकिन कुछ सालों में मैंने बहुत मेहनत की और कुछ ढंग की कविता लिख पाया जिन्हें आप पढ़ रहे और मुझे यकीन है कि एक दिन मैं अच्छी कविता लिख पाऊं। मेरा जन्म स्थान मादपुर मनौरी प्रयागराज है। और मेरे पिता एक सहज स्वाभाविक एक खुशमिजाज इंसान हैं जो कि हमारी एक छोटी मोटी ,shop है जिससे हम लोगों का जीवन यापन हो जाता है। मुझे प्रोत्साहित करने वाली मेरी माता जिन्होंने मेरा हमेशा साथ दिया जन्म- ०३/०८/२००२ जन्म स्थान - मादपुर मनौरी प्रयागराज पिता का नाम - कमलेश कुमार माता का नाम- रेखा देवी शिक्षा- इण्टर कृति - आत्मा चित्रांकनी

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