कुमार मुकुल

कुमार मुकुल
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लेखक, पत्रकार, होमियोपैथ जब तुझे लगे दुनिया में सत्‍य सर्वत्र हार रहा है समझो तेरे भीतर का झूठ तुझको ही कहीं मार रहा है।

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