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डॉ राजेश कुमार चौरसिया ने २००४ में जिद्दू कृष्णमूर्ति के दर्शन पर डॉ हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (म प्र ) से पी-एच, डी की उपाधि प्राप्त की। अभी तक इनकी तीन किताबें: १) जिद्दू कृष्णमूर्ति: मानव स्वातंत्र्य, २) वैदिक पंचकोश, ३) भारतीय मनोविज्ञान; ये तीन किताबें प्रकाशित हो चुकीं हैं। इन्होने जिद्दू कृष्णमूर्ति की कविताओं का हिंदी में अनुवाद भी किया है, यह किताब अभी प्रकाशन की प्रकिया में है। दर्शन एवं साहित्य का गहरा सम्बन्ध है अतः इन्हें अपने बी ए के दिनों से ही साहित्य पढ़ने में रुचि है। अज्ञेय इनके प्रिय साहित्यकार हैं। ये लेखन और संपादन के कार्य से गहराई से जुड़े हुए हैं, यह जर्नल ऑफ़ दर्शन नामक शोध पत्रिका के संपादक भी हैं। सम्प्रति यह वसंत महिला कॉलेज राजघाट, वाराणसी में दर्शन शास्त्र विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य कर रहे हैं