0 POSTS
मेरी पहली किताब "एहसास की ज़बाँ ~ नज़्म, शाइरी और ख़याल का संदूक़" दिसम्बर २०२० में प्रकाशित हुई, जिस में कुल ८८ रचनाएँ हैं जो कि ८ ख़ूबसूरत हिस्सों में बटी हुई हैं।
यह एक ऐसा किताबी-संदूक़ है जिस में से औरत कि कई एहसास खुलकर सामने आते हैं - उसका ग़ुस्सा, नाराज़गी, इंसानियत, मोहब्बत, नफ़रत, ख़ुदग़र्ज़ी, ईश्वर-ख़ुदा की जुस्तजू, चाँद-सूरज के ख़्वाब और पुरुष-प्रधान समाज के ख़िलाफ़ लड़ाई! अपने संदूक़ से निकाले हुए ये एहसास औरत ने लिबास की तरह पहने हैं और उनमें से कई अपने जिस्म और ज़ेहन से उतार भी फेंकें हैं।
https://www.amazon.in/dp/1649519788