कुछ सवाल हमें ज़रूर पूछ लेने चाहिए
ख़ुद से, वो सवाल जो हमें डराते हैं
जो हम कभी पूछना ही नहीं चाहते
ख़ुद से, डर होता है हमें कि
जवाब हमारे ख़िलाफ़ ही जाएगा

कुछ सवाल हमें पूछ लेने चाहिए
प्रेम करने से पहले
उनसे, जिनसे हम भी उम्मीद करते हैं
बदले में उतना ही प्रेम, या उससे कहीं ज़्यादा

एक सवाल ज़रूर पूछना चाहिए ख़ुद से
शुरू करने से पहले एक तरफ़ा इश्क़
कबतक रहेगा ये ज़िंदा
स्वीकारे जाने की उम्मीद तक
या आख़िरी साँस तक

एक सवाल पूछना होगा
अपने ईष्ट देवता से
क्या है उसके लिए भक्ति का मतलब
दूसरे इंसान से उसके जीने और रहने का हक़
छीन लेना क्या मंज़ूर है उसे?

एक सवाल हमें पूछने चाहिए
उन देशभक्तों से ,
देशद्रोह कब से बन गया
कोई सवाल पूछना?

एक सवाल हमें उनसे भी पूछना चाहिए
जिन्हें हम अपनी आवाज़ मानते हैं
जिन्हें दे रखा है हक़ हमने
अपने हिस्से के हर सवाल पूछने का
क्या आते ही नहीं उनके ज़ेहन में ये सवाल
कि उन्हें पूछना क्या है?

सवाल पूछना जरूरी है??

दीपक सिंह चौहान 'उन्मुक्त'
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जनसम्प्रेषण में स्नातकोत्तर के बाद मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत. हिंदी साहित्य में बचपन से ही रूचि रही परंतु लिखना बीएचयू में आने के बाद से ही शुरू किया ।