‘2050 Ki Kavita’, a poem by Anubhav Bajpai

तुमने वादा किया था
नहीं लौटोगे

पर अब
जब तुम लौट रहे हो

मेरी इच्छा है
कि
कुछ किताबों के साथ लौटो

हो सके तो
अपना पानी भी साथ लाना

या फिर ऐसा करो
तुम न ही लौटो

यहाँ आओगे
बेवजह
तुम्हें ऊँट मारने पड़ेंगे!

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अनुभव
स्वतंत्र फ़िल्मकार। इस समय एमसीयू, भोपाल से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे हैं। सम्पर्क सूत्र : [email protected]