मुझे अभी जीना है कविता के लिए नहीं
कुछ करने के लिए कि मेरी संतान मौत कुत्ते की न मरे
मैं आत्महत्या के पक्ष में नहीं हूँ तो इसलिए
कि मुझसे पहले मरें वे जो कि
मेरी तरह मरने को बाध्य हैं
कुछ नहीं करता हूँ मृत्यु के भय से मैं
सिर्फ़ अपमान से उनको बचाता हूँ
जिन्हें मृत्यु आकर ले जाएगी
दबे पाँव आहट को सुनता हूँ
और उसे शोर बनने नहीं देता हूँ
हाँ मैं कुछ करता हूँ जिसका
उपचार से कोई सम्बन्ध नहीं।
रघुवीर सहाय की कविता 'आत्महत्या के विरुद्ध'