प्यार के क्षणों में
कभी-कभी
ईश्वर की तरह लगता है मर्द
औरत को

ईश्वर… ईश्वर…
की पुकार से
दहकने लगता है
उसका समूचा वजूद

अचानक
कहता है मर्द—
“देखो
मैं ईश्वर हूँ”

औरत
देखती है उसे
और ईश्वर को खो देने की पीड़ा से
बिलबिलाकर
फेर लेती है
अपना मुँह।

ज्योत्स्ना मिलन की कविता 'करवट'

Book by Jyotsna Milan:

ज्योत्स्ना मिलन
ज्योत्स्ना मिलन (१९ जुलाई १९४१-५ मई २०१४) हिन्दी की कवयित्री एवं कथाकार थीं। वे स्त्रियों के संगठन 'सेवा' के मासिक मुखपत्र 'अनसूया' की सम्पादक भी थीं। उन्हें महिलाओं के उत्थान तथा उनसे जुड़े संवेदनशील मुददों को अपनी लेखनी के माध्यम से अभिव्यक्त करने में महारत हासिल थी।