बया हमारी चिड़िया रानी!

तिनके लाकर महल बनाती,
ऊँची डाली पर लटकाती,
खेतों से फिर दाना लाती,
नदियों से भर लाती पानी।

तुझको दूर न जाने देंगे,
दानों से आँगन भर देंगे,
और हौज़ में भर देंगे हम
मीठा-मीठा ठंडा पानी।

फिर अंडे सेयेगी तू जब,
निकलेंगे नन्हे बच्चे तब,
हम आकर बारी-बारी से
कर लेंगे उनकी निगरानी।

फिर जब उनके पर निकलेंगे,
उड़ जाएँगे बया बनेंगे,
हम तब तेरे पास रहेंगे,
तू मत रोना चिड़िया रानी..

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महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ — ११ सितंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है।

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