बिल्ली के ये दोनों बच्चे, कैसे प्यारे हैं,
गोदी में गुदगुदे मुलमुले लगें हमारे हैं।
भूरे-भूरे बाल मुलायम, पंजे हैं पैने,
मगर किसी को नहीं खौसते, दो बैठा रैने।
पूँछ कड़ी है, मूँछ खड़ी है, आँखें चमकीली,
पतले-पतले होंठ लाल हैं, पुतली है पीली।
माँ इनकी कहाँ गई, ये उसके बड़े दुलारे हैं..
म्याऊँ-म्याऊँ करते इनके गले बहुत दूखे,
लाओ थोड़ा दूध पिला दें, हैं दोनों भूखे।
जिसने हमको, तुमको, माँ का जनम दिलाया है,
उसी बनाने वाले ने इनको भी बनाया है।
इस्से इनको कभी न मारो बल्कि करो तुम प्यार,
नहीं तो नाखुश हो जावेगा तुमसे वह करतार।