बिन बादल देखो मुझ पर अब हो रही बरसात है,
बंद थी तो दिन ढला, आँखें खुली तो रात है।

जिंदगी का ये सफ़र तो याद में ही कट गया,
मौत से पहले जो आओ तो गज़ब ही बात है।

एक ही सांचे में ढल कर एक सी काया बनी,
जो बदल देती हमें वो बस हमारी जात है।

तुम जीवन में लाये थे तुम्ही जीवन से ले जाना,
इनायते मुर्शीद हमको सबसे बड़ी सौगात है।

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