अनुवाद: ₹anjita
S. Soze द्वारा किए गए अंग्रेजी अनुवाद पर आधारित

 

यूँ ही किसी वीराने में उगा कैक्टस
या फिर पहाड़ों पर छम से बरस जाने वाला आवारा बादल

किसी पीर की मज़ार पर जलता मिट्टी का दिया
या चंबा का एक तिनका शोले में बदला हुआ

मैं, एक कटीला कैक्टस
जाने कहाँ उग आया
माली, ना दोस्त पानी देने भर को भी

ऐसा किस्मत का मारा
जिसकी पालकी लुट गई कहारों के हाथ

कलीरे बंधे नहीं, छिन गए
पैरहन तार-तार हुआ और सेज उजड़ गई

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