वॉकी-टॉकी दादी-पोती
'Walky Talky Dadi Poti',
by Bilqis Zafirul Hasan
पार्क की पहली धूप से मिलने
उँगली से उँगली को थामे
सब को हेलो-हेलो करती
वॉकी-टॉकी दादी-पोती
सहज-सहज चलती हैं दादी
आगे-पीछे फिरती...
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी
'Ab Yeh Chidiya Kahan Rahegi', Bal Kavita by Mahadevi Verma
आँधी आयी ज़ोर-शोर से,
डालें टूटी हैं झकोर से।
उड़ा घोंसला अण्डे फूटे,
किससे दुःख की बात कहेगी!
अब यह चिड़िया...
कौआ और कोयल
छत के उपर, काँव-काँव कर
कौआ शोर मचाता है
ढीठ बना वो बैठा रहता
कोयल को बहुत सताता है
कोयल बोली-
कितनी मीठी मेरी बोली
सबका मन हर्षाती है
तेरी बोली...
गुड्डे का जन्मदिन
कहो तो! तुम और मैं
कैसे तुम्हारा जन्मदिन मना लें?
चलो! चाँद से कुछ गप्पे करें
सितारों की महफ़िल सजा लें।
बन जाएँ फिर से हम
गुड्डा और गुड़िया
चलो! लें...
दादा का मुँह
दादा का मुँह जब चलता है
मुझे हँसी तब आती है,
अम्माँ मेरे कान खींचकर
मुझको डांट पिलाती है!
किंतु हँसी बढ़ती जाती है
मेरे वश की बात नहीं,
चलते...
फूल और शूल
एक दिन जो बाग में जाना हुआ,
दूर से ही महकती आई हवा!
खिल रहे थे फूल रँगा-रंग के
केसरी थे और गुलाबी थे कहीं,
चंपई की बात...
चतुर चित्रकार
चित्रकार सुनसान जगह में, बना रहा था चित्र,
इतने ही में वहाँ आ गया, यम राजा का मित्र।
उसे देखकर चित्रकार के तुरत उड़ गए होश,
नदी,...