खेतों के किनारे
डौल पे, एक डार में
नज़र आते हैं
दो-चार पत्तों, नाज़ुक तन,
ना-तवाँ जड़ों
और कम वज़्न वाले
पोपलर के पेड़..
पोपलर की लकड़ी से बनता है
फ़र्नीचर, सजावट का सामान
और माचिस..
पोपलर घने बनों में नहीं पनपता
घने जंगल बनते हैं
मुख़्तलिफ़ बेहद मज़बूत अश्जार से
घने जंगलों को
पोपलर से डरना पड़ता है..

चित्र श्रेय: Ullstein Bild/Granger NYC

Previous articleस्वर्ग के खंडहर में
Next articleशब्द (दोहा ग़ज़ल)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here