‘Kavita Mein Aadmi’, a poem by Jaiprakash Kardam

बहुत अच्छा है,
सभ्य, सहिष्णु और सम्वेदनशील
रहता है अच्छे-अच्छे विचारों के साथ
करता है सदभाव,
प्रेम और शान्ति की बातें
कविता में आदमी
काश उतना ही अच्छा होता वह
कविता से बाहर भी
क्यों लिखता है आदमी ऐसी कविता
नहीं होता जिसमें आदमी
अपनी सच्चाई के साथ
यह कविता है या आडम्बर
किसके साथ है यह धोखा
कविता के साथ, आदमी के साथ
या दोनों के साथ?

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Book by Jaiprakash Kardam:

जयप्रकाश 'कर्दम'
जयप्रकाश कर्दम एक हिन्दी साहित्यकार हैं। वह दलित साहित्य से जुड़े हैं। कविता, कहानी और उपन्यास लिखने के अलावा दलित समाज की वस्तुगत सच्चाइयों को सामने लानेवाली अनेक निबंध व शोध पुस्तकों की रचना व संपादन भी उन्होंने किया है।