ख़ालिद हुसैनी के उद्धरण | Khaled Hosseini Quotes in Hindi
अनुवाद: पुनीत कुसुम
“किसी झूठ से दिलासा मिलने से बेहतर है सच से तकलीफ़ पहुँचे।”
“कम्पास की सूई जैसे उत्तर दिशा की तरफ़ इशारा करती है, वैसे ही एक पुरुष की उँगली दोषारोपण के लिए हमेशा एक स्त्री को ढूँढ लेती है।”
“बच्चे रंग भरने की किताबें नहीं होते। आपको उन्हें अपने पसन्दीदा रंगों से भरने की ज़रूरत नहीं है।”
“एक समाज के सफल होने की कोई सम्भावना नहीं है अगर उस समाज की स्त्रियाँ अशिक्षित हों।”
“अफ़ग़ानिस्तान में बहुत सारे बच्चे हैं, लेकिन बचपन बहुत कम।”
“कहा जाता है कि आँखें आत्मा में झाँकने की खिड़कियाँ होती हैं।”
“किसी चीज़ को पाना और फिर खो देना, उस चीज़ को न पाने से ज़्यादा कष्ट पहुँचाता है।”
“समय बहुत लालची हो सकता है- कभी-कभी वह सारी तफ़सील अपने लिए रख लेता है।”
“तुम्हें पता है, कुछ चीज़ें मैं तुम्हें सिखा सकता हूँ। कुछ तुम किताबों से सीखते हो। लेकिन कुछ ऐसी चीज़ें हैं, जो तुम्हें देखनी और महसूस करनी होंगी।”
“युद्ध में शिष्टता से इंकार नहीं किया जाता। युद्ध में तो इसकी ज़रूरत शान्ति के दिनों से भी ज़्यादा होती है।”
“ज़िन्दगी में सारी अच्छी चीज़ें भंगुर होती हैं और आसानी से खो जाती हैं।”
“हर स्त्री के लिए पति ज़रूरी था, भले वह उसके भीतर के संगीत को ख़ामोश कर दे।”
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Book by Khaled Hosseini:
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