मेरे कपड़ों में
सबसे सुन्दर कपड़े वो रहे
जो माँ की साड़ियों को काटकर
माँ के हाथों से
बनाए गए

यादों में सबसे ख़ूबसूरत पल वह
जो पिता की छाती से चिपक
गुलाबों पर बैठी तितलियों को
निहारने में गुज़रे

सबसे सुरक्षित पलों में
भाई की कलाइयों पर राखी बाँधना
या कि माथे पर लगाना तिलक,
बहनों के कपड़ों पर हक जताना
जीवन की बगिया में
मोगरे की सुगन्ध का पर्याय

पति की गर्म हथेलियों में हथेलियाँ फँसाए
काँधे पर सिर टिकाए
चाँद को निहारना
रहा प्रेम

लड़कियों की सम्पत्ति में सबसे अहम रहे
कपड़े, तितलियों के रँग, रेशम के धागे, मोगरे की सुगन्ध
और उनके रूप के आगे चाँद का फीकापन!

©®अमनदीप /विम्मी
१३/०३/२०२०

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