मरी हुई लड़की
अपने मन से सजती-सँवरती नहीं है,
खुलकर हँसती भी नहीं है,
चुप इतनी होती है कि
रोती भी बेआवाज़ ही है,
उसकी साँस चलती तो है
लेकिन स्पंदन के बिना ही चलती है
ये बात और है कि
वो घर के सारे काम नियत समय पर
बेहद सलीक़े से करती रहती है
अपने आसपास कभी ग़ौर से देखना
शायद तुम्हें अपने घर में ही
कोई मरी हुई लड़की मिल जाए…
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