विवरण: “…शिवानी जैसा लेखन केवल अतीत का प्रातःस्मरण, बल्कि वर्तमान के घटिया अंशों के विरुद्ध खड़ा एक दुर्ग भी बन जाता है। वह ऊपरी जीवन के भीतर छिपा एक अन्य जीवन है, जिसके बिना भारतीय जीवन का कोई भी ब्योरा अपूर्ण-बेमानी है।..”
– मृणाल पाण्डे
- Format: Paperback
- Publisher: Vani prakashan (2017)
- Language: Hindi
- ISBN-10: 9352296761
- ISBN-13: 978-9352296767