विवरण: प्रणय कुमार की कविताओं में अँधेरा है, चीख है, पुकार है, हाहाकार है और एक सन्नाटा है, किंतु यह अँधेरा मुक्तिबोध का नहीं है, न ही सन्नाटा नयी कविता वाला। इक्कीसवीं सदी का यह अँधेरा एकदम अलग है।
- Format: Paperback
- Publisher: Rashmi prakashan pvt. ltd. (2018)
- ISBN-10: 9387773078
- ISBN-13: 978-9387773073
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