विवरण:

समकालीन हिन्दी कहानी में भाषा का ऐसा संवेदना से पगा सुललित प्रयोग इधर अकसर देखने में नहीं आता जैसा कैलाश वानखेड़े के यहाँ मिलता है। वे कहानी के पात्रों को मंजिल तक पहुँचाकर अपने कथा-सूत्र को समेटने की जल्दी में नहीं रहते। इसके बजाय पाठक को कुछ समय उस वातावरण में रहने देते हैं, जहाँ वे उसे लेकर गए हैं। आसपास का प्राकृतिक और नागरिक परिवेश उनकी भाषा में एक पात्र की तरह ही साकार होता चलता है।

गहरी संवेदना, विषयों की बहुविधता, और संवेदना के गहरे सरोकारों के लिए भी उनके कथाकार को विशेष रूप से जाना जाता है। इस संकलन में कैलाश वानखेड़े की नौ कहानियाँ हैं—‘उन्नति जनरल स्टोर्स’, ‘जस्ट डांस’, ‘आज कल, कल, कल आज’, ‘गोलमेज’, ‘उस मोड़ पर’, ‘कँटीले तार’, ‘खापा’, ‘काली सडक़’ और ‘हल्केराम’। अपने कथ्य, भाषिक प्रांजलता और सघन सामाजिक मानवीय संवेदनाओं के लिए ये कहानियाँ लम्बे समय तक याद रखी जाएँगी।

कैलाश वानखेड़े जन्म: 11 जनवरी, 1970 इन्दौर में। शिक्षा: मराठी में प्राथमिक शिक्षा, समाजशास्त्र से स्नातकोत्तर। प्रकाशित कृतियाँ: हिंदी की प्रमुख पत्रिकाओं में कहानियों का प्रकाशन। पहला कहानी-संग्रह ‘सत्यापन’ 2013 में प्रकाशित। मराठी, छत्तीसगढ़ी, पंजाबी आदि भाषाओँ में कई कहानियाँ अनूदित। सम्मान: ‘राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान’। सम्प्रति: रा.प्र. से. की सरकारी नौकरी।

  • Paperback: 128 pages
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Language: Hindi
  • ISBN-10: 9388753666
  • ISBN-13: 978-9388753661
Previous articleडॉ. अर्जुन तिवारी कृत ‘राष्ट्रपिता की पत्रकारिता’
Next articleबदबू
पोषम पा
सहज हिन्दी, नहीं महज़ हिन्दी...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here