‘News Channel Aur Loktantra’, a poem by Lokesh Srivastava

जी हाँ, मैं मानता हूँ
कि शासन की बन्दूक़ से
हुई है यह हत्या
इस पर हम उसका भी पक्ष जानेंगे
लेकिन मैं सबसे पहले
यह बताना चाहूँगा कि यह व्यक्ति
किस तरह से अपने मारे जाने के विरोध में था,
किस तरह से यह शासन के काम में बाधा डाल रहा था,
जबकि इसे भी पता है
कि देश में जनसंख्या कितनी बड़ी चुनौती है
जबकि इसे पता है
कि संसाधन कम होते जा रहे हैं
कि लोगों के रहने के लिए जगह नहीं बची है
कि इतने लोगों को न तो
रोज़गार दिया जा सकता है और
न ही उनके अधिकार
जबकि इसे यह भी पता है
शासन करना कितना कठिन होता है
फिर यह भी तो सच है
कि हर किसी को मरना ही है
तो क्या ये व्यक्ति देश के लिए,
देश के शासकों के लिए इतना छोटा-सा काम भी नहीं कर सकता
कि चुपचाप मर जाए,
ताकि शासकों को रोज़गार, अधिकार, संसाधन की
चिंता में अपना वक़्त न बर्बाद करना पड़े,
और वे सुकून से धर्म के उत्थान-पतन,
विदेशी कम्पनियों के स्वागत आदि की फ़िक्र कर सकें।
तो आप ख़ुद ही सोचिए-
क्या ऐसे स्वार्थी, देशद्रोही व्यक्ति को
मार दिया जाना ही उचित नहीं??
फ़िलहाल अब वक़्त हो चला है
एक छोटे ब्रेक का,
ब्रेक के बाद जानेंगे कि
कौन होंगे कल हमारे शाही-मेहमान,
तो बने रहिए देश के सबसे विश्वसनीय चैनल के साथ।