उपन्यास भविष्य की गोद में लेटा है
कहानी अतीत के साथ चली गई
वर्तमान को अपनी कविता की तलाश है

पीछे छूटा प्रेम चेहरे बदल-बदलकर सामने आता है
उसे मेरी तलाश है
वो मुझे अपने ‘वही’ होने का विश्वास दिलाता रहता है
आँखो से यादों की ख़ुशियाँ रिसती हैं
आँसु आँखों के प्रेमगीत का आलाप हैं

जब भी कोई चेहरा हृदय होने लगता है
अतीत प्रकाशित करता है किसी दिलचस्प कहानी का स्याह पन्ना
ओस की बूँद सूरज से डरकर भाप होती है
कविता किसी पेड़ की छाँह बनती है
छाँह की शीतलता किसी हृदय की प्रार्थनाओं का असर है

अतीत वर्तमान में कहानीनुमा दख़ल देता है
वर्तमान भविष्य से कविता का पता पूछता है
कविता भविष्य से प्रेम करती है
जिसकी गोद में लेटा है कोई उपन्यास

प्रेमगीत का आलाप जारी है।

अनुराग तिवारी
अनुराग तिवारी ने ऐग्रिकल्चरल एंजिनीरिंग की पढ़ाई की, लगभग 11 साल विभिन्न संस्थाओं में काम किया और उसके बाद ख़ुद का व्यवसाय भोपाल में रहकर करते हैं। बीते 10 सालों में नृत्य, नाट्य, संगीत और विभिन्न कलाओं से दर्शक के तौर पर इनका गहरा रिश्ता बना और लेखन में इन्होंने अपनी अभिव्यक्ति को पाया। अनुराग 'विहान' नाट्य समूह से जुड़े रहे हैं और उनके कई नाटकों के संगीत वृंद का हिस्सा रहे हैं। हाल ही में इनका पहला कविता संग्रह 'अभी जिया नहीं' बोधि प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है।