आदमी को आदमी बनाने के लिए
ज़िन्दगी में प्यार की कहानी चाहिए
और कहने के लिए कहानी प्यार की
स्याही नहीं, आँखों वाला पानी चाहिए।

जो भी कुछ लुटा रहे हो तुम यहाँ
वो ही बस तुम्हारे साथ जाएगा,
जो छुपाके रखा है तिजोरी में
वो तो धन न कोई काम आएगा,
सोने का ये रंग छूट जाना है
हर किसी का संग छूट जाना है
आख़िरी सफ़र के इंतज़ाम के लिए
जेब भी कफ़न में इक लगानी चाहिए।

आदमी को आदमी बनाने के लिए
ज़िन्दगी में प्यार की कहानी चाहिए।

रागिनी है एक प्यार की
ज़िन्दगी कि जिसका नाम है
गाके गर कटे तो है सुबह
रोके गर कटे तो शाम है
शब्द और ज्ञान व्यर्थ है
पूजा-पाठ ध्यान व्यर्थ है
आँसुओं को गीतों में बदलने के लिए,
लौ किसी यार से लगानी चाहिए।

आदमी को आदमी बनाने के लिए
ज़िन्दगी में प्यार की कहानी चाहिए।

जो दुःखों में मुस्कुरा दिया
वो तो इक गुलाब बन गया,
दूसरों के हक़ में जो मिटा
प्यार की किताब बन गया,
आग और अँगारा भूल जा
तेग और दुधारा भूल जा
दर्द को मशाल में बदलने के लिए
अपनी सब जवानी ख़ुद जलानी चाहिए।

आदमी को आदमी बनाने के लिए
ज़िन्दगी में प्यार की कहानी चाहिए।

दर्द गर किसी का तेरे पास है
वो ख़ुदा तेरे बहुत क़रीब है,
प्यार का जो रस नहीं है आँखों में
कैसा हो अमीर, तू ग़रीब है,
खाता और बही तो रे बहाना है
चैक और सही तो रे बहाना है
सच्ची साख मंडी में कमाने के लिए
दिल की कोई हुंडी भी भुनानी चाहिए।

आदमी को आदमी बनाने के लिए
ज़िन्दगी में प्यार की कहानी चाहिए।

गोपालदास नीरज की कविता 'मैं पीड़ा का राजकुँवर हूँ'

Book by Gopaldas Neeraj:

Previous articleप्रेमचंद – ‘गोदान’
Next articleपूरा दुःख और आधा चाँद
गोपालदास नीरज
(4 जनवरी 1925 - 19 जुलाई 2018), बेहद लोकप्रिय कवि, गीतकार एवं ग़ज़लकार।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here