वो अपने पर्स में एक तस्वीर रखता था
जाने से पहले देख भी नहीं पाया
वहीं उसके बग़ल में बैठा था कोई
जो आया था अभी अपने दुधमुँहे बच्चे को
दादा की गोदी में सौंप कर
पीछे बैठा था जो वो सोच रहा था
शादी के लिए छुट्टी कब से लूँ
किसी के फ़ोन में वीडियो कॉल पर
घर का नया स्वरूप दिखा रहे थे लोग
सब चले गए
सब चले गए छोड़ कर आधे वादे
जो अपना सब कुछ दे देता देश को
क्यों उसके कुछ वादे रह जाते हैं अधूरे!

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