‘Sair Sapata’, Hindi Poem for Kids by Aarsi Prasad Singh
कलकत्ते से दमदम आए
बाबू जी के हमदम आए
हम वर्षा में झमझम आए
बर्फी, पेड़े, चमचम लाए।
खाते-पीते पहुँचे पटना
पूछो मत पटना की घटना
पथ पर गुब्बारे का फटना
ताँगे से बेलाग उलटना।
पटना से हम पहुँचे राँची
राँची में मन मीरा नाची
सबने अपनी किस्मत जाँची
देश-देश की पोथी बाँची।
राँची से आए हम टाटा
सौ-सौ मन का लो काटा
मिला नहीं जब चावल आटा
भूल गए हम सैर सपाटा!
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