काश कि भावनाओं का भी श्राद्ध हो,
डाल लेंगे श्वेत चादर अपनी उम्मीदों पर,
त्याग देंगे तृष्णा, रो लेंगे बेपनाह,
भूल जायेंगे उन सारी यादों को,
उस भावना को,
जिसको निर्मम मारा सबने,
जब सो रहा था वो।

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अनिशेष श्रीवास्तव
उन्मुक्त, विचारों से घिरा, निरन्तर कोशिश में उस बेहतरी की, के जीवन में कुछ उजास हो। सूर्यास्त प्रेमी, सूर्योदय से अभिभूत, और दिन रात उस डगर की तलाश में, जो ले जाये उस पार, जहाँ सही और गलत से परे, मिलेंगे हम तुम। फैशन डिज़ाइनर , ग्रेटर नॉएडा वासी। उम्र-२८ साल।

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